अगर आपको दाखिल खारिज बिहार की जानकारी चाहिए , तो हमने वह आपको पहले बताया है। आज हम यह जानेंगे की दाखिल ख़ारिज कैसे होता है। आज हम दाखिल ख़ारिज ऑनलाइन करने का तरीका या लैंड म्युटेशन बिहार में करने का तरीका जानेंगे। दाखिल ख़ारिज को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैद्य मान्यता दी गयी है परन्तु यह भी कहा गया है की इस से मालिकाना हक़ नहीं पता चलता है। लैंड म्युटेशन से किसी लैंड या रियल एस्टेट का अधिकार निर्धारित नहीं किया जा सकता।
तो दाखिल ख़ारिज के बारे में अधिक जानकारी हम यहाँ दे रहे हैं , देखिये।
दाखिल खारिज याचिका दायर करने की प्रक्रिया
दाखिल खारिज कैसे होता है ?
- अपने होल्डिंग या हिस्से का क्षेत्र निर्धारित करें
- अंचल अधिकारी के पास जाए या कोर्ट में जाएँ
- दाखिल ख़ारिज फॉर्म या लैंड म्युटेशन फॉर्म भरे
- प्रपत्र १ ख, २ और ३ का इस्तेमाल करे
- संधारित चालू खतियान , खाता खेसरा पंजी को संलग्न करे
- प्रपत्र १ क में याचिका दायर करें

इस प्रकार आप दाखिल ख़ारिज फॉर्म 1, 2 और 3 की मदद से याचिका दायर कर सकेंगे। इसके बाद दाखिल ख़ारिज कैसे होता है , यह आपको हम बताएँगे।
दाखिल ख़ारिज कहाँ होता है ?
आपके जमीन या होल्डिंग या हिस्से के क्षेत्र में जो बिहार अंचल अधिकारी होगा , उसके कार्यालय में , या कोर्ट में , या आरटीपीएस काउंटर पर जाकर आप दाखिल ख़ारिज कर सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ दस्तावेज संलग्न करने होते हैं।
दाखिल ख़ारिज आवेदन पत्र कैसे भरते हैं ?
हमने आपको बताया की दाखिल ख़ारिज कैसे करते हैं। अब आप यह जानिये की दाखिल खारिज एप्लीकेशन फॉर्म कैसे भरा जाता है –
- सबसे पहले दाखिल ख़ारिज फॉर्म डाउनलोड करें
- इसके बाद अंचल का नाम लिखें
- अनुमंडल का नाम लिखें
- जिला का नाम लिखे
- जिनके नाम से याचिका दायर करनी है उनका नाम लिखे।
- अभिभावक का नाम लिखें
- ग्राम , डाक और थाना लिखें
- भूमि के अधिकार की जानकारी दें
- राजस्व ग्राम और राजस्व थाना लिखें
- खाता नंबर, खेसरा संख्या , भूमि का रकबा और चौहद्दी लिखें
- अनुलग्न की सूची डालें
- हस्ताक्षर करें और आवेदन जमा करें
- आपका दाखिल ख़ारिज याचिका दायर हो जायेगा
तो इस प्रकार से आप बिहार दाखिल ख़ारिज कर सकते हैं।
Bihar Dakhil Kharij – FAQs
बिहार दाखिल ख़ारिज – बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त अधिनियम २०११ , २०१२ और बिहार भूमि दाखिल खारिज अधिनियम २०१२ , नियमावली २०१२ के अंतर्गत होता है।
बिहार में दाखिल खारिज का विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग है।
दाखिल ख़ारिज के फायदे यह है की इस से भूमि विवाद की संभावना घट जाती है। खरीदने वाले और बेचने वाले यानी क्रय और विक्रय के भागीदार में मतभेद न हो इसलिए दाखिल खारिज कराना जरुरी है।